दोस्तो हमारे भारत में आज से 8 साल पहिले यानी 1 जुलाई 2017 को भारत टैक्स के इतिहास में एक सबसे बड़ी क्रांति हुई थी.क्युकी इसी दिन जीएसटी भारत में लागू किया गया था.तो इस जीएसटी की आवश्यकता क्यों आ पढ़ी ?इसका भारत को फायदा हुआ या नुकसान चलिए समझ ते है ?
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नमस्कार दोस्तो,आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले है जीएसटी के बारे में और जानेंगे जीएसटी क्या है ?,जीएसटी की आवश्यकता क्यों आ पढ़ी ? और भारत में जीएसटी कब लागू हुआ ? इसी के साथ समझेंगे जीएसटी के बारे में हर एक छोटी सी छोटी बात को,वो भी बिना किसी टेक्निकल वर्ड को यूज करे.इसलिए अगर आपको जीएसटी के बारे में अच्छे से जानना है तो आर्टिकल को मन लगा कर पूरा पढ़े.आर्टिकल खत्म होने तक आपके दिमाग में कोई दूसरे खयाल /डाउट नही आना चाहिए तभी ये कॉन्सेप्ट क्लियर हो पाएगा.
एक बार फिर से बोल रहा हु,आर्टिकल पूरा डिटेल में रीड करे,हो सकता है की बीच में ही तुम्हे किसी कांसेप्ट को लेकर डाउट आ जाए,लेकिन फिर भी उस कांसेप्ट को दोबारा पढ़ कर आप ये आज का आर्टिकल फिनिश कीजिए.मुझे यकीन है कि जैसे जैसे तुम ये आर्टिकल पढ़ोगे तुम्हारे सारे डाउट आज क्लियर होने वाले है,तो चलिए आर्टिकल शुरू करते है.
Table of Contents
Introduction Of GST (जीएसटी का परिचय)
GST जिसका फुल फॉर्म गुड्स & सर्विस टैक्स (Goods & Service Tax ) है.इसने साल 2017 में हमारे भारत देश के Indirect Tax को रिप्लेस किया था.और इसके आने से ऐसा बोला जाता है Consumers की लाइफ थोड़ी आसान हो चुकी है.
Goods & Service Tax के बारे और भी कई सारी बाते जानने से पहिले हम थोड़ी इसकी History जान लेते है.ताकि इस कॉन्सेप्ट को समझ ने मे आपको और आसानी होगी.और जीएसटी की आवश्यकता क्यों आ पढ़ी ? इसका भी आपको थोड़ा आइडिया लग जायेगा.
History Of GST (जीएसटी का इतिहास)
वैसे तो GST के उपर काम काफी सालों से चल रहा था,मगर GST को असल माने मे Introduce कर दिया था साल 2006 के बजट में (Budget 2006).और उस टाइम के Goverment का ये दावा था कि हम GST को साल 2010 तक India में लागू कर देंगे.लेकिन हमेशा इस में कुछ ना कुछ Problem आती थी.क्युकी ये के बहुत बड़ा प्रोजेक्ट था.इसलिए यहां काफी सारे चीजों के उपर काम करना पड़ता था,सोचना पड़ता था.
आखिर बहुत साल इस के उपर काम करने के बाद 1 जुलाई 2017 में GST को भारत में लागू कर दिया.मतलब आप सोच सकते हो GST को भारत में लागू होने के लिए पूरे 11 साल लगे.हमारे प्रधानमंत्री N.Modi जी ने GST को अपने स्पीच में Good & Simple Tax बोलकर इसे Introduce किया था.
तो आप ये बोल सकते हो हमारे GST टैक्स के पीछे 11 साल की मेहनत है.और GST को अब India लगे 5 साल से उपर हो चुका है,लेकिन हर साल GST में आज भी amendment आते रहते है.(Amendment मतलब कुछ ना कुछ Changes इस में आते ही रहते है.)
लोग कहते है GST आने से Consumers की लाइफ काफी आसन हो गए है .बात तो सही है .लेकिन अगर आप किसी CA students से या Commerce Students से पूछोगे तो वो कहेगा बस इस का नाम लेना ही आसान है.लेकिन काम काफी मुश्किल है.
तो आज के हमारे आर्टिकल में हम GST को आसान से आसान भाषा में समझ ने वाले है ,ताकि हर किसी को जीएसटी क्या है ?(What Is GST In Hindi) ये समझ आ सके.
जीएसटी की आवश्यकता क्यों आ पढ़ी (Why Was GST Necessary ?)
Then The Reason Is GST आने से पहिले हम Indirect Tax के सिस्टम को फॉलो करते थे.और उस में बहुत सारे टैक्स शामिल होते थे.जैसे Excise Duty, Sales Tax(VAT), Service Tax etc.और इन सारे टैक्स के चलते कंज्यूमर पर काफी बर्डन आता था.लेकिन GST आने से उस बर्डन को कुछ लेवल तक कम कर दिया गया.जैसे की,
- Mr A 🙋ये एक बिजनेसमैन है, ये इनकी Factory में कुछ Goods बनाते है, इसलिए इन्हे Excise duty Goverment को Pay करनी होगी.
- अब Mr.A ने वो Goods बना कर उसे मार्केट में जब Sale किए,तो उस पर लगेगा Sales tax (VAT). इतना ही नहीं अगर उस Goods की Mr A ने किसी को कोई Service दी,तो उस के उपर Service tax भी लगेगा.
- अब इतने सारे टैक्स Goods के उपर लगने से,वो Goods मार्केट में काफी महंगे दाम पर बिकते थे.
- इस से Producers (मतलब product बनाने वाले जैसे इस उपर वाले case में Mr A 🙋 थे) को तो फर्क नहीं पड़ता था.
- लेकिन Customers के जेब से ज्यादा पैसे जाते थे,क्युकी अल्टीमेटली फाइनल Burden तो Customers के जेब पर ही आता था.
- लेकिन जब Market में साल 2017 को GST की Entry हो गई तो इन सारे Taxes को पहिले हटाया गया .और GST ने कहा कि One Tax One Nation .
What Is GST In Hindi?(जीएसटी क्या है ?)
GST एक Dual Base Concept & Destination Based Law है.इस Dual Base Concept में GST ने दोनो का खयाल रखा है.Central Government का भी और State Government का भी.
GST में Central को C-GST कहा जाता है.और State को S-GST कहा जाता है.GST जो है वो Destination Based Law मतलब यहां Destination को Importance दी जाती है.Origine को नहीं.जैसे की,
- अगर आप मुंबई से गोवा जा रहे है,तो आपकी Destination गोवा है,और Origine मुंबई है.इसी तरह GST में भी Supply की Destination देखी जाती है Within in India.
- एक बात याद रखे GST तभी लगेगा जब किसी Goods/Product की Supply होगी.अगर Goods की Supply नही होगी,तो जीएसटी भी नही लगेगा.मतलब No SUPPLY NO GST.
For Example.
Mr A 🙋 के पास Goods है,वो Goods की Supply करते है.तो देखते है कोन कोन से Goods के Supply के उपर GST लगेगा.⬇️
Original | Desti- nation | Yes/No |
Pune | Mumbai | Yes✔️ |
Mumbai | Delhi | Yes ✔️ |
Surat | USA | No.❌ |
(Table 1.1).
अगर Table 1.1 को आपने ध्यान से देखा,तो आपको समझ आ गया होगा अगर Supply की डेस्टिनेशन Within in India है तो GST लगेगा.जैसे ही डेस्टिनेशन Of Supply outside india होगी तो GST नहीं लगेगा.
How GST Is Applicable ?(GST कैसे लगता है ?)
जीएसटी क्या है ? और जीएसटी की आवश्यकता की क्यों जरूरी है ? इन सब के बारे में काफी सारी बातों को समझ ने के बाद अब बात करते है जीएसटी कैसे लगता है ?
किसी भी Goods की Supply के उपर GST तीन तरके से लग सकता है ,SGST,CGST,IGST के Form में.
और एक Important बात की,GST जो है वो सिर्फ Value Of Addition पर लगता है.Indirect Tax की तरह Total Value पर नहीं लगता. (For Example के लिए नीचे दिया गया Table 1.2 देख लीजिए और उसे समझिए.)
According To This Above Tables 1.2, आपको समझ आ गया होगा की ,Indirect tax में ₹50 का एक Goods ग्राहक (consumer) तक आते आते ₹156 का हो जाता था.वहीं GST में ₹50 का एक Goods ग्राहक (Consumer) तक ₹127 में Available हो जाता था.
और एक बात याद रखे Indirect Tax में Total Value के उपर टैक्स लगाने से Goods महंगे होते थे.लेकिन GST में Value Addition के उपर टैक्स लगने से थोड़ी राहत मिल गई है Consumer को.
Types Of GST In Hindi (जीएसटी के कितने प्रकार हैं?)
C-GST,S-GST & I-GST ये GST के तीन पार्ट है.अगर Goods की सप्लाई Same State में हो रही है ,तो उस पर C-GST और S-GST चार्ज किया जाता है.वहीं अगर Goods की सप्लाई किसी दूसरे States में हो रही है,तो उसके उपर I-GST चार्ज किया जाता है.
- जब किसी Goods की सप्लाई के उपर C-GST & S-GST लगता है,तो उसे Intra State Supply कहते है.
- वही जब किसी Goods की सप्लाई के उपर I-GST लग जाता है,तो उसे Inter State Supply कहते है.
C-GST. S-GST. | INTRA STATE SUPPLY. |
I-GST. | INTER STATE SUPPLY. |
Calculation Of GST In Hindi.
इसका का Calculation बहुत आसान है ,बस आपको दो बाते पता होनी चाहिए ?
- 1.अपको GST Rates के Category के बारे में पता हो
- 2.Inter State Supply है,या Intra State Supply है ये पता हो.
अगर ये दो बाते आपको समझ आ गई ,तो आप GST की Calculation आसानी से कर सकते हो.इसके लिए एक Example में आप लोगो के साथ शेयर करता हु.और उसी Example के हम दो केस में देखेंगे.
For Example:
Spices (मसाले) के Example के जरिए जीएसटी के Calculation को समझ ते है.और मान कर चलो अभी इन सारे मसालों के उपर 5% GST लगता है.
Case 1
Case 1 में ये Assume करो,कि ये मसाले मुंबई से पुणे (Pune) जा रहे है.तो ये Intra State Supply हो रही है (Intra State Supply मतलब सेम राज्य में सप्लाई हो रही है ).इसलिए यहां CGST & IGST लग गया.लेकिन सवाल आता है कितना लगेगा ?
तो मसालों के उपर लगता है 5% GST और ये एक Intra State Supply भी है. इसलिए 2.5% C-SGT को जाएगा,और 2.5 S-GST को जाएगा.
मतलब अगर मसालों के उपर 5% के हिसाब से ₹100 टैक्स आता है तो ₹50 C-GST में जाएगा और ₹50 SGST में जाएगा.
Case 2
Assume करो इस बार मसाले मुंबई से गुजरात जा रहे है.तो यहां Inter State Supply हो गई है.इसलिए यहां I-GST लग जाएगा.और जहा I-GST लग जाता है, वहां पूरा टैक्स Central Government के पास चला जाता है.
ऐसा इसलिए किया जाता है, क्युकी यह दो States शामिल हो जाते है.तो टैक्स के लिए लड़ाई झगडा ना हो दोनों राज्यो में,इसलिए पूरा टैक्स का पैसा Central Government अपने पास रख लेती है.For Example,
ये जो मसाले मुंबई से गुजरात लेे जा रहे थे और उस के उपर ₹500 टैक्स लग जाता है,तो वो पूरा 500 रुपया का टैक्स Central Government का होगा.
FAQ
जीएसटी कब लागू हुआ ?
1 जुलाई 2017.
जीएसटी लगाने वाला पहला देश कौन सा था ?
फ्रांस
GST कब देना पड़ता है?
अगर तुम्हारे बिजनेस का टर्न ओवर ₹ 40 लाख से ज्यादा है,तो तुम्हे जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है,ये कंपलसरी है.और कुछ केस में तो ये लिमिट ₹20 लाख है.
Main Point
दोस्तो GST के दूसरे प्वाइंट को यहां हमने शामिल नहीं किए है जैसे ITC (Input Tax Credit) & other. अगर उन पार्ट को भी यहां शामिल किया जाता तो काफी सारी Confusion Create हो जाती.
और यहां मेरा मकसत सिर्फ जीएसटी को समझान था,इसलिए मैने What Is Goods & Services Tax In Hindi इस टॉपिक को जितना हो सके उतना आसान भाषा में समझाने कि कोशिश की है.उम्मीद करता हु,आपको सारे प्वाइंट आसानी से समझ आ गए होंगे.
At the End.
दोस्तो में उम्मीद करता हु की आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (भारत में जीएसटी की आवश्यकता क्यों आ पढ़ी ?)आपको पसंद आई होगी.और ऐसे ही नए नए इनफॉर्मेशन रीड करने के लिए हमारे वेबसाइट पर दोबारा जरूर विजिट करे.
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