Article Name | करंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट में क्या अंतर है ? |
Writer | Vaibhav |
Motive | Difference Between Saving Account & Current Account इस कॉन्सेप्ट को आसान भाषा में समझना. |
नमस्कार दोस्तो ! रामराम आज आज मैं आपके साथ बात करने वाला हु,करंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट के बारे में.इन शॉर्ट आज मैं आपको करंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट में क्या अंतर है ?उसके बारे में बताने वाला हु.तो चलिए आज का आर्टिकल शुरू करते है.
Introduction.
आज का हमारा ये Concept आप लोगो को अच्छे से समझ आ जाए इस लिए ये मान कर चलिए आज की दुनिया में सिर्फ दो तरह के लोग होते है,बिजनेस करने वाले और बिजनेस ना करने वाले.जो लोग बिजनेस करते है,उन्हे करंट अकाउंट ओपन करवाना जरूरी होता है.
और जो लोग बिजनेस नही करते वो ज्यादातर सेविंग अकाउंट ओपन करवाते है.अब ऐसा क्यों होता है ? इसके पिछे क्या कारण है ये सब आपको पूरा आर्टिकल पढ़ने के बाद ही पता चलने वाला है.एक एक प्वाइंट को यहां मैंने डिटेल में आपके साथ शेयर किया है.
Table of Contents
Difference Between Saving Account & Current Account In Hindi (करंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट में क्या अंतर है)
- दोनो अकाउंट में Actual में फर्क क्या ?
- क्या क्या सुविधा आपको ये दोनो अकाउंट देती है ?
- और जो सुविधा देती है उसके पीछे कारण क्या है ?
- टैक्स और ट्रांजैक्शन लिमिट क्या है ? इन सब बातो को आज हम आसान भाषा में समझ ने वाले है.
What Is Current Account और Saving Account ?
पैसे बचाने के लिए या पैसे की सेविंग करने के लिए भारत का हर एक आम आदमी ये सेविंग अकाउंट ओपन करवाता है.और इस सेविंग अकाउंट का मोटिव ही यही होता है To Save Money. इसलिए यहां आपके पैसों के ट्रांजेशन (Deposite और Withdrawal) के उपर एक लिमिट फिक्स की जाती है.
वही दूसरी तरफ बात करे करंट अकाउंट की,तो यहां पैसों के ट्रांजेक्शन के उपर कोई लिमिट नही होती.एक बिजनेसमैन चाहे उतनी बार अपने पैसों को डिपोजिट करवा सकता है,या उसे Withdraw करवा सकता है.कोई उसे पूछने वाला नहीं है.
कोन ओपन करवा सकता है ?
भारत में सेविंग अकाउंट एक आम आदमी,सैलरी पेशा वाले लोग और स्टूडेंट ओपन करवाते है.वही करंट अकाउंट एक Businessmen,Partnership Firm या LLP वाले ही ओपन करावा सकता है.
Facilities | सुविधाएं
Current account में आपको इंटरेस्ट तो नही मिलता लेकिन ओवरड्राफ्ट के नाम से एक बहुत बड़ीया फैसिलिटी मिलती है.वही सेविंग अकाउंट होल्डर वाले को इंटरेस्ट की सुविधाएं प्रोवाइड करती है.
Mimimum और Maximum Amount Limit.
दोस्तों चलिए अब जान लेते है दोनो अकाउंट (सेविंग और करंट अकाउंट)में कितना Minimum और कितना Maximun बैलेंस होना चाहिए.
- जिस तरह से सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस की रिक्वायरमेंट होती है.उसी तरह एक बिजनेसमैन को भी अपने करंट अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है.(Current Account Minimum Balance).
- सेविंग अकाउंट में मैक्सिमम बैलेंस की एक फिक्स्ड लिमिट होती है. लेकिन करंट अकाउंट में मैक्सिमम अमाउंट की कोई लिमिट नही होती.
लेकिन इतना याद रखे,करंट अकाउंट में जो मिनिमम बैलेंस की रिक्वायरमेंट होती है वो सेविंग अकाउंट के मुकाबले थोड़ी ज्यादा होती है.
Tax
सेविंग अकाउंट में एक पर्सन की इंटरेस्ट के जरिए इनकम होती है.इसलिए आप टैक्स के दायरे में आते हो.मतलब अगर आपको एक पर्टिकुलर अमाउंट से ज्यादा इंटरेस्ट मिलता है,तो उस पर टैक्स कट (Deduct) किया जाता है.
मगर करंट अकाउंट इस लॉजिक से पूरी तरह बाहर है.क्युकी यहां आपका दूर दूर तक इंटरेस्ट से कोई नाता ही नहीं है.
Tranzaction Limit.
करंट अकाउंट में ट्रांजेक्शन की कोई लिमिट नही होती.आप 1 दिन में 2 ट्रांजेक्शन करो या 200 करो कोई पूछने वाला नहीं है. लेकीन सेविंग अकाउंट में ट्रांजैक्शन के उपर एक लिमिट होती है.अगर उस से ज्यादा ट्रांजैक्शन हो गए तो बैंक आपके उपर चार्ज भी लगा सकती है.
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In Conclusion.
दोस्तो में उम्मीद करता हु की आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (करंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट में क्या अंतर है ? )आपको पसंद आई होगी.और ऐसे ही नए नए इनफॉर्मेशन रीड करने के लिए हमारे वेबसाइट पर दोबारा जरूर विजिट करे.
आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे नीचे कॉमेंट करके या फिर ईमेल के जरिए आप अपना Feedback हमारे साथ जरूर शेयर करे.क्युकी आपके कॉमेंट और Feedback हमे और अच्छे अच्छे आर्टिकल लिखने के लिए मोटिवेट करते है.
जय हिंद.